दिल की हर धड़कन से तेरा ना… हमने
सुना है निर्धन को तुम धनवान बनाते हो
ऐसा क्या माँगा है मेने देने से घबराते हो
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देना है तों दीजिए जन्म जन्म का साथ
मेरे गोविन्द मेरी यह प्राथना है,भूलू
न मै नाम कभी भी तुमारा,
निष्काम हो के मै दिन रात गाऊ, गोविन्द
दामोदर माद्वेती,
पांव चले तो सत्मार्ग पर ही,सर
जो झुके तो तेरे ही दर पे,
जिह्वा मेरी यह गुणगान गए,गोविन्द
दामोदर माद्वेती,
देहांत काले तुम सामने हो बंसी बजाते मन
को लुभाते गाता येही मै तन नाथ तयागु,
गोविन्द दामोदर माद्वेती किशोरी श्री
राधारानी प्रेममयी हैं और प्यारे श्री श्यामसुन्दर आनन्दमय हैं... जहाँ आनन्द है
वहीं प्रेम है
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