भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना |
फूल नहीं बन सकते तो तुम…कांटे बनकर मत रहना ||
बन न सको भगवान अगर तुम…कम से कम इंसान बनो |
नहीं कभी शैतान बनो…नहीं कभी हैवान बनो |
सदाचार अपना न सको तो…पापों में पग मत धरना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
स्तय वचन ना बोल सको तो…झूठ कभी भी मत बोलो |
मौन रहो तो ही अच्छा है…कम से कम विष मत घोलो |
बोलो यदि पहले तुम बोलो…फिर मुंह को मत खोला करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
घर ना किसी का बसा सको तो…झोपड़ियाँ ना जला देना |
मरहम पट्टी कर ना सको तो…खार को मतना लगा देना |
दीपक बनकर जल ना सको तो…अंधियारा भी मत करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
अमृत पिला सको ना किसी को…जहर मिलते भी डरना |
धीरज बन्धा नहीँ सकते तो…घाव किसी के मत करना |
ईश्वर के नाम की माला लेकर…सुबह शाम जपा करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
*•.¸¸.•* हरे कृष्णा *•.¸¸.•* हरे कृष्णा*•.¸
¸.•**•.¸¸.•*.कृष्णा कृष्णा.*•.¸¸.•*.हरे हरे.*•.¸
¸.•*..हरे राम..*•.¸¸.•*..हरे राम..*•.¸
¸.•**•.¸¸.•*..राम राम..*•.¸¸.•*..हरे हरे..*•.¸¸.•*
फूल नहीं बन सकते तो तुम…कांटे बनकर मत रहना ||
बन न सको भगवान अगर तुम…कम से कम इंसान बनो |
नहीं कभी शैतान बनो…नहीं कभी हैवान बनो |
सदाचार अपना न सको तो…पापों में पग मत धरना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
स्तय वचन ना बोल सको तो…झूठ कभी भी मत बोलो |
मौन रहो तो ही अच्छा है…कम से कम विष मत घोलो |
बोलो यदि पहले तुम बोलो…फिर मुंह को मत खोला करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
घर ना किसी का बसा सको तो…झोपड़ियाँ ना जला देना |
मरहम पट्टी कर ना सको तो…खार को मतना लगा देना |
दीपक बनकर जल ना सको तो…अंधियारा भी मत करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
अमृत पिला सको ना किसी को…जहर मिलते भी डरना |
धीरज बन्धा नहीँ सकते तो…घाव किसी के मत करना |
ईश्वर के नाम की माला लेकर…सुबह शाम जपा करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
*•.¸¸.•* हरे कृष्णा *•.¸¸.•* हरे कृष्णा*•.¸
¸.•**•.¸¸.•*.कृष्णा कृष्णा.*•.¸¸.•*.हरे हरे.*•.¸
¸.•*..हरे राम..*•.¸¸.•*..हरे राम..*•.¸
¸.•**•.¸¸.•*..राम राम..*•.¸¸.•*..हरे हरे..*•.¸¸.•*