Wednesday 16 August 2017

हे प्रभु श्री कृष्ण

ना रईस हूँ , ना अमीर हूँ ...
न मैं बादशाह हूँ ना वजीर हूँ ...

.................... हे प्रभु श्री कृष्ण ..................

तेरा इश्क है मेरी सल्तनत ,
मैं उसी सल्तनत का फ़क़ीर हूँ .......

खूबसूरत है वो लब ........ जिन पर , 
केवल श्री कृष्ण नाम ......की चर्चा है !!

खूबसूरत है ............ वो दिल जो , 
केवल श्री कृष्ण के लिये धडकता है !!

खूबसूरत है वो जज़बात जो ,
श्री कृष्ण संग की भावनाओं को समझ जाए !!

खूबसूरत है.....वो एहसास जिस में , 
श्री कृष्ण प्रेम ......की मिठास हो जाए !!

खूबसूरत हैं ....... वो बाते जिनमे ,
श्री कृष्ण ......... की बाते शमिल हो !! 

खूबसूरत है.......वो आँखे जिनमें , 
श्री कृष्ण के ..... दर्शन की प्यास है !!

खूबसूरत है .... वो हाथ जो
श्री कृष्ण की सेवा में लगे रहते है !! 

खूबसूरत है........... वो सोच जिसमें ,केवल श्री कृष्ण की ही सोच हो !! 

खूबसूरत हैं .......... वो पैर जो , 
दिन रात केवल प्यारे श्री कृष्ण की तरफ बढ़ते है !! 

खूबसूरत हैं ...... वो आसूँ ,
जो केवल प्यारे श्री कृष्ण के लिये बहते हैं !! 

खुबसुरत हैं ....... वो कान ,
जो श्री कृष्ण नाम का गुणगान सुनते है !! 

खुबसुरत है वो शीश ........ जो
श्री कृष्ण के चरणों में नमन को झुकता है 
जय श्री कृष्णा 
............श्री राधे ............