Friday 27 May 2016

अधरों पे जा सजी है कन्हैया तेरी ये वंशी.

अधरों पे जा सजी है कन्हैया तेरी ये वंशी.
ये तान दे निराली बजैया तेरी ये वंशी.
हम सबको बाँधती है तेरी राह और डगर पे-
अब मन नहीं है बस में बसैया तेरी ये वंशी..

ये प्रेम तो अमर है राधा किशन से जग में.
सब लोग दिख रहे है इसमें मगन से जग में.
माहौल प्यार का ये कुदरत तभी बनाये-
जब मन करे समर्पित खुद को बदन से जग में..

दिल हो कदम्ब डाली और मुरली बज रही हो.
उसमें भी छवि तुम्हारी दर्पण में सज रही हो.
मन मेरा बन के राधा पहलू में हो तुम्हारे-
जीवन सफल हो काया सब मोह तज रही हो ..

तेरे बस में ये जहाँ है हम सब तेरे शरण में.
बस भक्ति तेरी चाहें झुकते तेरे चरण में.
गर दिल लगे भटकने हमें राह पर लगाना-
ये अम्बरीष कहते मन हो तेरे वरण में..

कन्हैया तेरा रंग काला...क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...

कन्हैया तेरा रंग काला...क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...

ओ काली कमली वाले ओ तिरछी नजरो वाले
लट तेरे घुँघराले भी काले काले
नजर का टीका भी काला क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा
कन्हैया तेरा रंग काल...क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...

अधरों पे तेरे लाली कानो में कुण्डल बाली
सुरत है तेरी प्यारी काली हुई तो क्या
तेरी मुस्कान पे प्यारा हुआ कुरबान जग सारा
कन्हैया तेरा रंग काल...क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...

मेरा रंग भी है काला तुम्हारे जैसा कान्हा
क्यूँ फिर भी नहीं प्यारा मैं ज़माने को बता
मुझे लगता है तुम करते हो भक्तो पे जादु~टोना
कन्हैया तेरा रंग काल...क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...

ओ निली छतरी वाले ओ राजा कटरा वाले
क्यूँ दिल पे डोरे डाले अनोखे बता
हमारे दिल दिवाने को यूँ तड़पाना नहीं अच्छा
कन्हैया तेरा रंग काल...क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...

कन्हैया तेरा रंग काल...क्यूँ लागे फिर भी तू प्यारा...

( तर्ज : है अपना दिल तो आवारा...)

Sunday 22 May 2016

श्री निवासा गोविन्दा,श्रीवेंकटेसा गोविन्दा

श्री  निवासा गोविन्दा,श्रीवेंकटेसा गोविन्दा
गोविन्दा हरि गोविन्दा,वेंकटरमना गोविन्दा
गोविन्दा हरि गोविन्दा,गोकुलनंदन गोविन्दा

भक्तवत्सला गोविन्दा,भागवतप्रिय गोविन्दा
त्रिमलवासा गोविन्दा,श्रीश्रीनिवासा गोविन्दा

नित्यनिर्मल गोविन्दा,नीलमेघश्यामा गोविन्दा
पुराणपुरुषा गोविन्दा,पुण्डरीकाक्षा गोविन्दा

नंदनंदना गोविन्दा ,नवनितचोर गोविन्दा
पशुपालक श्रीगोविन्दा,पापविमोचन गोविन्दा

सर्ष्टिपरिपालक गोविन्दा,कस्टनिवारक गोविन्दा
दुष्टसंहारक गोविन्दा,दुःखनिवारक गोविन्दा

गोपीजनप्रिय गोविन्दा,गोवर्दनधर गोविन्दा
दशरथनंदन गोविन्दा,दसमुख्मर्दन गोविन्दा

पक्षीवाहना गोविन्दा,पांडवप्रिय गोविन्दा
मत्स्यअवतारी गोविन्दा,मधुसूदन गोविन्दा

वरहानरसिंह गोविन्दा,वामनवर्गुराम गोविन्दा
बलरामानुज गोविन्दा,बुद्धकल्किधर गोविन्दा

वेणुजनप्रिय गोविन्दा,सीतानायक गोविन्दा
अष्टपोषका गोविन्दा,आदिपुरुषा गोविन्दा

अनाथरक्षक गोविन्दा,आपातबंधव गोविन्दा
करुणासागर गोविन्दा,शरणागत्वत्सल गोविन्दा

कमलदलाक्षा गोविन्दा,कामितफलदाता गोविन्दा
पापविनाशक गोविन्दा,पाहिमुरारी गोविन्दा

श्रीमुद्रांकित गोविन्दा,श्रीवत्सांकित गोविन्दा
धरणिनायक गोविन्दा,दिनकरतेजा गोविन्दा

पधमावतीप्रिय गोविन्दा,प्रसन्न्मुर्ती गोविन्दा
अभयहस्ता गोविन्दा,अश्रित्वर्दव गोविन्दा

शंखचक्रधर गोविन्दा,संगगदाधर गोविन्दा
विराजतीर्था गोविन्दा,विरोधिमर्दन गोविन्दा

सस्त्रनामा गोविन्दा,साळिगरामा गोविन्दा
लक्ष्मीबल्लभ गोविन्दा,लक्ष्मणअग्रजा गोविन्दा

कस्तूरितिल्का गोविन्दा,कंचनअम्ब्रधर गोविन्दा
पीताम्बरधारी गोविन्दा,गरुड़वाहना गोविन्दा

गानालीला गोविन्दा, अन्नंतविनुचा गोविन्दा
वानरसेवितगोविन्दा,वृद्धिवंदना गोविन्दा

एकस्वरूपा गोविन्दा,सप्तगिरिशा गोविन्दा
आश्रितरक्षक गोविन्दा,धनधान्यप्रिय गोविन्दा

अभयमूर्ति गोविन्दा,वेदांतनिलया गोविन्दा
अन्नमयविदा(विनुजा)गोविन्दा रासलीला गोविन्दा

धर्मसंस्थापक गोविन्दा,धनलक्ष्मीप्रिय गोविन्दा
श्रीराम कृष्णा गोविन्दा,रघुकुलनंदन गोविन्दा

प्रत्यक्षदेवा गोविन्दा,परमदयाकर गोविन्दा
वज्रकवचधर गोविन्दा,वैभवमूर्ति गोविन्दा

रत्नकिरिटा गोविन्दा,भक्तरक्षक गोविन्दा
वासुदेवतनय गोविन्दा,वेजयंतीधर गोविन्दा

नित्यकल्याणा गोविन्दा,नीरंजनाभा गोविन्दा
वेंकटनायक गोविन्दा,विल्वपत्राक्षित गोविन्दा

ब्रह्मांडरूपा गोविन्दा,आनंदरूपा गोविन्दा
आदिअनंतरहिता गोविन्दा,सर्वतारणा गोविन्दा

ईहप्रदायक गोविन्दा,ईभराजरक्षक गोविन्दा
शेषसयिनि गोविन्दा, शेषधरणीनिलय गोविन्दा

अतिरामप्रिय गोविन्दा,हरिसर्वोत्तम गोविन्दा
जनार्दनमूर्ति गोविन्दा,श्रीकृष्णमूर्ति गोविन्दा

अभिषेकप्रिय गोविन्दा,रामानुजनुज गोविन्दा
स्वयंप्रकाशा गोविन्दा, सर्वतारणा गोविन्दा

नित्यशुभप्रद गोविन्दा,परमदयालु गोविन्दा
नित्याद्रिनिलय गोविन्दा,पद्मनाभहरि गोविन्दा

अंजनादिशा गोविन्दा,शेषाद्रिनिलया गोविन्दा
तिर्मलनायक गोविन्दा,तुलसीमाला गोविन्दा

शांताकारा गोविन्दा,वेंकुटवासा गोविन्दा
भ्रगुमुनिपूजित गोविन्दा, पुण्यस्वरूपा गोविन्दा

श्रीचक्रभूषण गोविन्दा,नंदकधारी गोविन्दा
त्रिनामधारी गोविन्दा,भाग्यशीतला गोविन्दा

भक्तवत्सला गोविन्दा,पदमावतीसा गोविन्दा
पदममनोहर गोविन्दा, आनंदनिलया गोविन्दा

नागेन्द्रभूषण गोविन्दा,मंजीरमंडित गोविन्दा
तुलसीमालाप्रिया गोविन्दा,श्रीनिर्मलाकार गोविन्दा

महानुभावा गोविन्दा,महालक्ष्मीनाभा गोविन्दा
निर्गुणरूपा गोविन्दा,अभयप्रदाय गोविन्दा

योगेन्द्रन्ज्या गोविन्दा,कृपासागर गोविन्दा
चरणसुंदर गोविन्दा,श्रीपुरुषोत्तम गोविन्दा

गोकुल कृष्ण गोविन्दा,श्रीचंद्रहासा गोविन्दा
नारायणाच्युत गोविन्दा,गोविन्दनामा गोविन्दा

श्रीविष्णुदेवा गोविन्दा,श्रीदामोदर गोविन्दा
श्रीनरसिंहा गोविन्दा,श्रीरामचंद्र गोविन्दा

जगतपतिहरि गोविन्दा,मल्यरूपा गोविन्दा
सर्वतसमर्थ गोविन्दा,वेदरक्षक गोविन्दा

वेदरूपा गोविन्दा,वेदधारी गोविन्दा
वेदपुरुषा गोविन्दा,श्रीकमलाप्रिया गोविन्दा

कल्याणप्रिय गोविन्दा,रमणीयनाभा गोविन्दा
दरिद्रपोषक गोविन्दा,दानवीरा गोविन्दा

धर्मरक्षणा गोविन्दा,त्रिमलवासा गोविन्दा
श्री श्रीनिवासा गोविन्दा,भक्ततारका गोविन्दा

आश्रितपक्षा गोविन्दा,वैजयंतीमाला गोविन्दा
भिक्षुकसमस्तुत गोविन्दा,स्त्रीपुरुषा गोविन्दा

शिवकेशवमूर्ति गोविन्दा,हरिरामप्रिय गोविन्दा
निखिललोकेसा गोविन्दा,नित्यरक्षक गोविन्दा

श्री श्रीनिवासा गोविन्दा,श्रीवेंकटेसा गोविन्दा
गोविन्दा हरि गोविन्दा,वेंकटरमना गोविन्दा

Wednesday 18 May 2016

श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी

श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी
तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी हरी हरी
भज मन नारायण नारायण हरी हरी
जय जय नारायण हरी हरी
लक्षमी नारायण नारायण हरी हरी
सत्यनारायण हरी हरी
सूर्यनारायण नारायण हरी हरी
विष्णु नारायण नारायनहृ हरी हरी
बद्रीनारायण नारायण हरी हरी
ब्रह्मा नारायण नारायण हरी हरी
चन्द्र नारायण नारायण हरी हरी

श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी
तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी हरी हरी

भक्तों के प्यारे हरी हरी
आधार हमारे हरी हरी
तन मन में बसे हो हरी हरी
कण कण में बसे हो हरी हरी

श्री मन नारायण नारायण हरी हरी
भजो मन नारायण नारायण हरी हरी
जय जय नारायण नारायण हरी हरी
तेरी छवि है सुन्दर न्यारी न्यारी हरी हरी

श्री मन नारायण नारायण हरी हरी
जपो मन नारायण नारायण हरी हरी
श्री मन नारायण नारायण हरी हरी

हम आये शरण तिहारी हरी हरी
श्री मन नारायण नारायण हरी हरी
बोलो नारायण नारायण हरी हरी

तेरी मूरत मंगल करी करी हरी हरी
शरण में लेलो तिहारी हरी हरी
श्री मन नारायण नारायण हरी हरी

श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी
तेरी लीला सबसे न्यारी न्यारी हरी हरी

***※═❖═▩ஜ۩.۞.۩ஜ▩═❖═※***
󾕓 󾬢 हरी ॐ नारायण 󾬢 󾕓
***※═❖═▩ஜ۩.۞.۩ஜ▩═❖═※***

Tuesday 10 May 2016

सुख दुःख का साथी हमारा...

सुख दुःख का साथी हमारा...
हम सब का पालनहारा...
सेठों में सेठ निराला...
ये राजाकटरा वाला...
जो आ जाता शरण में इनकी...
वो पा जाता मुरादें मन की...

भोर भये मंगला के दर्शन हैं पाते...
मंगला के दर्शन करके श्रृंगार की झांकी पाके...
मन हो जाता है गद गद कर राज भोग के दर्शन...
जो आ जाता शरण में इनकी...
वो पा जाता मुरादें मन की...

उत्थापन के दर्शन कर भक्त धन्य हो जाते...
सन्ध्या आरती के दिवाने भक्त वही रुक जाते...
सतसंग किर्तन भजनों से रंग जाता है प्यारे शयन में...
कहते हैँ भक्तों की सुनने आते हैं वहाँ पे मोहन...
जो आ जाता शरण में इनकी...
वो पा जाता मुरादें मन की...

दर पे इसके तू भी आजा मेरे प्यारे...
आके अपने मन की इसे सुना तू प्यारे...
क्यूँ इधर उधर तू कहते फिरता है मन की बातें...
ये सेठ "" अनोखा "" बैठा तेरी सब बातें सुनने...
जो आ जाता शरण में इनकी...
वो पा जाता मुरादें मन की...

सुख दुःख का साथी हमारा...
हम सब का पालनहारा...
सेठों में सेठ निराला...
ये राजाकटरा वाला...
जो आ जाता शरण में इनकी...
वो पा जाता मुरादें मन की...

( तर्ज ::: सूरज कब दूर गगन से...)

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।
गोविन्द नाम लेकर, गोपाल नाम लेकर, ही प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

श्रीगंगा जी का तट हो, यमुना का वंशीवट हो ।
मेरा सावरा निकट हो, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

श्रीवृन्दावन का स्थल हो, मेरे मुख मुख में तुलसीदल हो ।
विष्णु चरण का जल हो, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

संमक्ष सावरा खड़ा हो, मुरली का सुर भरा हो ।
तिरछा चरण धरा हो, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

सर सोहना मुकुट हो, मुखड़े पे काली लट हो ।
यही ध्यान मेरे घट हो, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

केसर तिलक हो आला, मुख चन्द्र सा उजाला ।
डालूं गले में माला, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

कानों जड़ाऊ बाली, लटके लटी हों काली ।
देखूं छटा निराली, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

पीताम्बरी कसी हो, होठों पे कुछ हंसी हो ।
छवि यह ही मन बसी हो, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

पंचरंगी कांछ्नी हो, पट पीट से तनी हो ।
मेरी बात सब बनी हो, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

पग धो तृषा मिटाऊँ, तुलसी का पत्र पाऊं ।
सर चरण राज लगाऊँ, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

कान्हा अवश्य आना, राधा को साथ लाना ।
दर्शन मुझे दिखाना, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

जब कंठ प्राण आवे, कोई रोग न सतावे ।
यम दरस न दिखावे, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

मेरे प्राण निकले सुख से, तेरा नाम निकले मुख से ।
बच जाऊँ घोर दुःख से, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

उस वक्त जल्दी आना, नहीं श्याम! भूल जाना ।
मुरली की धुन सुनाना, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

एक दास की है अर्जी, खुद गरज की है गरजी ।
आगे तुम्हारी मर्जी, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

सुधि होवे ना ही तन की, तैयारी हो गमन की ।
लकड़ी हो ब्रज के वन की, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

यह नेक सी अरज है, मानों तो क्या हरज है ।
कुछ आपका फरज है, जब प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

गोविन्द नाम लेकर, गोपाल नाम लेकर, ही प्राण तन से निकले ।।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले ।

***※═❖═▩ஜ۩.۞.۩ஜ▩═❖═※***
󾭩󾕓 󾬢 Զเधे 󾕓 Զเधे 󾬢 󾕓󾭩