॥राधा मेरी स्वामीनी,मै राधे तेरी दास।।
"............."श्री राधा"............."
श्री राधा- दुःख में सुख का एहसास है,
श्रीराधा हरपल मेरे आस पास है ।
श्रीराधा मन की आत्मा है,
श्रीराधा साक्षात् परमात्मा है ।
श्रीराधा भक्ति और ज्ञान है,
श्रीराधा गीता और पुराण है ।
श्रीराधा ठण्ड में गुनगुनी धूप है,
श्रीराधा श्री हरी का ही एक रूप है ।
श्रीराधा तपती धूप में छाया है,
श्रीराधा आदि शक्ति महामाया है ।
श्रीराधा जीवन में प्रकाश है,
श्रीराधा निराशा में आस है ।
श्रीराधा महीनों में सावन है,
श्रीराधा गंगा सी पावन है ।
श्रीराधा वृक्षों में पीपल है,
श्रीराधा फलों में श्रीफल है ।
श्रीराधा देवियों में गायत्री है,
श्रीराधा मनुज देह में सावित्री है ।
श्रीराधा ईश् वंदना का गायन है,
श्रीराधा चलती फिरती रामायण है ।
श्रीराधा रत्नों की माला है,
श्रीराधा अँधेरे में उजाला है,
श्रीराधा बंन्धन और रोली है,
श्रीराधा रक्षासूत्र की मोली है ।
श्रीराधा ममता का प्याला है,
श्रीराधा शीत में दुशाला है ।
श्रीराधा गुङ सी मीठी बोली है,
श्रीराधा दशहरा दिवाली, होली है ।
श्रीराधा इस भक्ति मार्ग में हमें लाई है,
श्रीराधा की याद हमें अति की आई है ।
श्रीराधा सरस्वती लक्ष्मी और दुर्गा माई है,
श्रीराधा ब्रह्माण्ड के कण कण में समाई है
प्रति दिन में बस ये इक पुण्य का काम करो।
श्री राधा रानी के चरणों में सदा ही दंडवत प्रणाम करो ।।
🏻श्री राधा राधा🏻
आअौ सब राधामय हो जाएं
इस नाम के बिना कभी रह ना पाएं
श्री राधाकृष्णमय