वो काला इक बासुँरी वाला,
वो काला इक बासुँरी वाला।
सुध बिसरा गया मोरि रे,
वो काला इक बासुँरी वाला॥
सुध बिसरा गया मोरि रे,
वो काला इक बासुँरी वाला॥
माखनचोर जो नंदकिशोर वो,
कर गयों ओ रे मन की चोरी रे।
कर गयों ओ रे मन की चोरी रे।
सुध बिसरा गया मोरि ॥
कर गयों ओ रे मन की चोरी रे।
कर गयों ओ रे मन की चोरी रे।
सुध बिसरा गया मोरि ॥
कर गयों ओ रे मन की चोरी रे,
सुध बिसरा गया मोरि ,
वो काला इक बासुँरी वाला
सुध बिसरा गया मोरि रे.
सुध बिसरा गया मोरि ,
वो काला इक बासुँरी वाला
सुध बिसरा गया मोरि रे.
पनघट पे मोरि बइयाँ मरोडी,
मैं बोली तो मेरी मटकी फोडी।
पइयाँ परु करु विनती पर,
माने ने इक वो मोरि॥
सुध बिसरा गया मोरि रे....
मैं बोली तो मेरी मटकी फोडी।
पइयाँ परु करु विनती पर,
माने ने इक वो मोरि॥
सुध बिसरा गया मोरि रे....
वो काला इक बासुँरी वाला,
वो काला इक बासुँरी वाला।
वो काला इक बासुँरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरि रे॥
वो काला इक बासुँरी वाला।
वो काला इक बासुँरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरि रे॥
छुप गयो फिर इक तान सुना के,
कहा गयो इक बाण चला के।
गोकुल ढुंढा, मैनें मथुरा ढुंढी ,
कोइ नगरियाँ ना छोडी रे॥
सुध बिसरा गया मोरि रे...
कहा गयो इक बाण चला के।
गोकुल ढुंढा, मैनें मथुरा ढुंढी ,
कोइ नगरियाँ ना छोडी रे॥
सुध बिसरा गया मोरि रे...
सुध बिसरा गया मोरि रे,
वो काला इक बासुँरी वाला।
वो काला इक बासुँरी वाला ,
सुध बिसरा गया मोरि रे.... ,
वो काला इक बासुँरी वाला।
वो काला इक बासुँरी वाला ,
सुध बिसरा गया मोरि रे.... ,
वो काला इक बासुँरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरि रे।
वो काला इक बासुँरी वाला ,
वो काला इक बासुँरी वाला॥
सुध बिसरा गया मोरि रे।
वो काला इक बासुँरी वाला ,
वो काला इक बासुँरी वाला॥
माखनचोर जो,नंदकिशोर वो,
सकर गयों औरे मन की चोरी रे
सुध बिसरा गया मोरि ॥
सकर गयों औरे मन की चोरी रे
सुध बिसरा गया मोरि ॥
||राधा रमण को समर्पित!!