Monday 8 February 2016

इतना तो करना स्वामी ,

इतना तो करना स्वामी ,
जब प्राण तन से निकले
गोविन्द नाम लेके ,
तब प्राण तन से निकले !
~~~०~~~
श्री गंगा जी का तट हो ,
जमुना का वंशीवट हो
मेरा साँवरा निकट हो ,
जब प्राण तन से निकले !
~~~०~~~
श्री वृन्दावन का तल हो ,
मेरे मुख में तुलसीदल हो
विष्णु चरण का जल हो ,
जब प्राण तन से निकले !
~~~०~~~
पीताम्बरी कसी हो ,
छवि मन में ये बसी हो
होठों पे कुछ हँसी हो ,
जब प्राण तन से निकले !
~~~०~~~
मेरा प्राण निकले सुख से ,
तेरा नाम निकले मुख से
बच जाऊं घोर दुःख से ,
जब प्राण तन से निकले !
~~~०~~~
जब प्राण कंठ आये ,
कोई रोग न सताए
यम दरस न दिखाए ,
जब प्राण तन से निकले !
~~~०~~~
उस वक़्त जल्दी आना ,
नहीं श्याम भूल जाना
राधे को साथ लाना ,
जब प्राण तन से निकले !
~~~०~~~
एक भक्त की है अर्जी ,
खुदगर्ज़ की है गरजी
आगे तुम्हारी मर्ज़ी ,
जब प्राण तन से निकले !
~~~~~००~~~~~

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