Thursday 21 July 2016

सुन्दर तेरा मुखड़ा

सुन्दर तेरा मुखड़ा प्यारा उसपे सजे मुकुट निराला
केसरिया रंग का है जामा गले वैजन्ती माला
…कन्हैया तू " अनोखा " न्यारा है भक्तों का सहारा...

कानों मैं कुण्डल साजे अधरों पे मुरली विराजे
मुरली की तू तान सुनाने आजा फिर से प्यारे
मुरली की धुन के प्यासे तेरे दर पे बैठे है सारे
तू आजा प्यास बुझाने अब तो मेरे नन्द दुलारे
…कन्हैया तू " अनोखा " न्यारा है भक्तों का सहारा...

आजा ओ हरजाई सुध लो अब तो साई
तड़प रहे हम ऐसे जैसे जल बिन मछली कन्हाई
दिन भी नहीं कटते काटे बिन तेरे अब तो बांके
तू आजा दरश दिखा दे नैनों की प्यास बुझा दे
…कन्हैया तू " अनोखा " न्यारा है भक्तों का सहारा...

कब तक तुम्हें पुकारें तेरी राह निहारें
याद में तेरे बीत न जाये ये जीवन भी प्यारे
हम प्रेम की भाषा जाने तुमको अपना ही माने
आ जाओ मेरे प्यारे हम बैठे तेरे द्वारे
…कन्हैया तू " अनोखा " न्यारा है भक्तों का सहारा...

( तर्ज : सूरज कब दूर गगन से…)

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