मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मटकी से माखन फिर से चुरा
गोपियों का विरह तू आके मिटा
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मैं कटपुतली डोर तेरे साथ
कुछ भी नहीं है अब मेरे साथ
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
जय जय राम...जय जय राम...जय जय राम...
सीता राम...जय जय राम...जय जय राम...
हे नंदलाल हे कृष्णा स्वामी
तुम तो हो ग्यानी ध्यानी अंतर्यामी
महिमा तुम्हारी जो भी समज न पाये
ख़ाक में मिल जाये वो खलकामि
ऐसा विज्ञान जो की तुझको ना माने
तेरी श्रद्धालु की शक्ति ना जाने
जो पाठ पढ़ाया था तुमने गीत का अर्जुन को
वो आज भी सच्ची राह दिखाये मेरे जिवन को
मेरी आत्मा को अब ना सता
जल्दी से आके मोहे दरस दिखा
ए मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
नैया मझधार में भी तूने बचाया
गीता का ज्ञान देके जग को जगाया
छु लिया जमीं से ही आसमा का तारा
नरसिंह रूप धरके हिरण्य को मारा
रावण के सर को काटा राम रूप लेके
राधा का मन चुराया प्रेम रंग देके
मेरी नैनों में फूल खिले सब तेरी खुशबु के
में जीवन साथी चुन लू तेरे पैरों को छु के
किसके माथे सजाऊ मोर पंख तेरा
कई सदियों जन्मों से तू है मेरा
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मोरे गोविन्द लाला मोरा ताँका सा ओरा जी का धोरा
उसकी कहीं न कोई खबर आजा कहीं न ओ तोह नजर
आजा आजा झलक दिखा जा देर ना कर आजा गोविंदा गोपाला
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
╲\╭┓
╭ ╯
┗╯\╲☆●☆☆ jαι ѕняєє кяιѕниα
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मटकी से माखन फिर से चुरा
गोपियों का विरह तू आके मिटा
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मैं कटपुतली डोर तेरे साथ
कुछ भी नहीं है अब मेरे साथ
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
जय जय राम...जय जय राम...जय जय राम...
सीता राम...जय जय राम...जय जय राम...
हे नंदलाल हे कृष्णा स्वामी
तुम तो हो ग्यानी ध्यानी अंतर्यामी
महिमा तुम्हारी जो भी समज न पाये
ख़ाक में मिल जाये वो खलकामि
ऐसा विज्ञान जो की तुझको ना माने
तेरी श्रद्धालु की शक्ति ना जाने
जो पाठ पढ़ाया था तुमने गीत का अर्जुन को
वो आज भी सच्ची राह दिखाये मेरे जिवन को
मेरी आत्मा को अब ना सता
जल्दी से आके मोहे दरस दिखा
ए मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
नैया मझधार में भी तूने बचाया
गीता का ज्ञान देके जग को जगाया
छु लिया जमीं से ही आसमा का तारा
नरसिंह रूप धरके हिरण्य को मारा
रावण के सर को काटा राम रूप लेके
राधा का मन चुराया प्रेम रंग देके
मेरी नैनों में फूल खिले सब तेरी खुशबु के
में जीवन साथी चुन लू तेरे पैरों को छु के
किसके माथे सजाऊ मोर पंख तेरा
कई सदियों जन्मों से तू है मेरा
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मोरे गोविन्द लाला मोरा ताँका सा ओरा जी का धोरा
उसकी कहीं न कोई खबर आजा कहीं न ओ तोह नजर
आजा आजा झलक दिखा जा देर ना कर आजा गोविंदा गोपाला
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
मुकुंदा मुकुंदा कृष्णा मुकुंदा मुकुंदा...
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