Sunday 26 June 2016

"साँवरिया" " राधा " यूँ रो रो कहे...

एक बार तो " राधा " बनकर देखो...मेरे...
..."साँवरिया"
" राधा " यूँ रो रो कहे...

क्या होते हैं आँसू...क्या पीड़ा होती है,,,
क्यों दर्द उठता हैं...क्यों आँखे रोती हैं,,,
एक बार तो आँसू बहाकर देखो...मेरे...
..."साँवरिया"
" राधा " यूँ रो रो कहे...||1||

जब कोई सुनेगा ना तेरे मन के दुखडे,,,
जब ताने सुन सुन कर होंगे दिल के टुकड़े,,,
एक बार जरा तुम ताने सुन कर देखो...मेरे...
"साँवरिया"
" राधा " यूँ रो रो कहे...||2||

क्या जानोगे " मोहन " तुम प्रेम की भाषा,,,
क्या होती है 'आशा ' क्या होती ' निराशा ',,,
एक बार जरा तुम प्रेम करके देखो...मेरे...
..."साँवरिया"
"राधा" यूँ रो रो कहे...||3||

पनघट पे मधुवन में वो इंतज़ार करना,,,
कहे " श्याम " तेरी खातिर घुट घुट कर मरना,,,
एक बार किसी का इंतज़ार कर देखो...मेरे...
..."साँवरिया"
"राधा" यूँ रो रो कहे...||4||

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󾭩󾕓 󾬢 Զเधे 󾕓 Զเधे 󾬢 󾕓󾭩
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