जो शरण में तेरी आ गया...क्या जाने क्या वो पा गया...
ये उसे पता या तुझे पता...
दुःख~दर्द अपना भूल के...खुश~हाल फिरता जहान में...
नहीं अब किसी से गिला उसे...नहीं शिकवा मेरे साँवरे
जो शरण में तेरी आ गया...क्या जाने क्या वो पा गया...
ये उसे पता या तुझे पता...
हर पल वो तेरा नाम ले...रहता मगन मेरे साँवरे...
जैसे खज़ाना गुमशुदा...कोई उसे हो मिल गया...
जो शरण में तेरी आ गया...क्या जाने क्या वो पा गया...
ये उसे पता या तुझे पता...
मुश्किल " अनोखा " ये सफर...कट जाये उसका बेखबर...
जो साँवरे का हो गया...जो साँवरे में ही खो गया...
जो शरण में तेरी आ गया...क्या जाने क्या वो पा गया...
ये उसे पता या तुझे पता...
|| जय श्री कृष्णा ||
ये उसे पता या तुझे पता...
दुःख~दर्द अपना भूल के...खुश~हाल फिरता जहान में...
नहीं अब किसी से गिला उसे...नहीं शिकवा मेरे साँवरे
जो शरण में तेरी आ गया...क्या जाने क्या वो पा गया...
ये उसे पता या तुझे पता...
हर पल वो तेरा नाम ले...रहता मगन मेरे साँवरे...
जैसे खज़ाना गुमशुदा...कोई उसे हो मिल गया...
जो शरण में तेरी आ गया...क्या जाने क्या वो पा गया...
ये उसे पता या तुझे पता...
मुश्किल " अनोखा " ये सफर...कट जाये उसका बेखबर...
जो साँवरे का हो गया...जो साँवरे में ही खो गया...
जो शरण में तेरी आ गया...क्या जाने क्या वो पा गया...
ये उसे पता या तुझे पता...
|| जय श्री कृष्णा ||
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