जमना के नीरे तीरे धेनु चरावै
बंसी से गावै मीठी बानी ।।
या मोहन के मैं रूप लुभानी ।
तन मन धन गिरधर पर बारूं
चरणकंवल मीरा लपटानी ।।
या मोहन के मैं रूप लुभानी ।
सुंदर बदन कमलदल लोचन
बांकी चितवन मंद मुसकानी ।।
या मोहन के मैं रूप लुभानी ।
राधे राधे
बंसी से गावै मीठी बानी ।।
या मोहन के मैं रूप लुभानी ।
तन मन धन गिरधर पर बारूं
चरणकंवल मीरा लपटानी ।।
या मोहन के मैं रूप लुभानी ।
सुंदर बदन कमलदल लोचन
बांकी चितवन मंद मुसकानी ।।
या मोहन के मैं रूप लुभानी ।
राधे राधे
No comments:
Post a Comment