Sunday 2 April 2017

गोविन्द तेरा शुक्र मनाना आ जाये,



जय श्रीकृष्णकर ऐसी इनायत गोविन्द तेरा शुक्र मनाना आ जाये,
हम इन्सां हैं हमें इन्सानों की तरह प्यार निभाना आ जाये।
तेरे कदम हमारी चौखट हैं, हम गिरते रहे तेरे कदमों में,
पर ऐसी शक्ति दे हमें गिरतों को उठाना आ जाये।
मुझे ये न मिला मुझे वो न मिला ये दिल ऐसे ही रोता है,
तेरा प्यार ही मेरी दौलत हो ये दिल को समझाना आ जाये।
ये तन मन धन तेरा मुझे फिर क्या चिंता,
हम तेरे आशिक हैं प्यारे हमें प्यार निभाना आ जाये।
वो मस्त तुझी में रहते हैं जो तेरे आशिक होते हैं,
हम तेरे आशिक बन जायें और सर को झुकाना आ जाये।
बोलो के सुन्दर नक्शे पर हम रंग प्यार का भर पायें,
तेरी हम पर कृपा हो हमें फूल चढाना आ जाये।
जय श्री कृष्ण
श्री हरि शरणम्~~~~~
सत्य ,धर्म,भक्ति मार्ग पर बहुत सी बाधाएं आएगी। लेकिन हम को आगे बढ़ना है दुःख ,अपमान को सहते हुए। हमें संसार को संतुष्ट नहीं करना। हमें अपने गोविन्द से मिलना है गोविन्द की और बढ़ना है।

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