Saturday 1 April 2017

मेरा भोला-सा कन्हैया

मेरा भोला-सा कन्हैया
उसके नन्हे-नन्हे पाँव |
वो करे अपनी अटखेलियाँ,
नंद बाबा के गाँव ||
मैया की ममता,
बाबा का दुलार |
फिर जगपति बन गए,
ब्रज के राजकुमार ||
भूल गए सारा ऐश्वर्य,
फिर तो सुदर्शनधारी |
बन गए वो ग्वाल बाल,
जब भक्त बनी महतारी ||
नंद बाबा के खडाऊं,
कैसे सिर पे हैं वो उठाये |
जिनके चरणों के दर्शन को,
देवता भी तरस जाएँ ||
वो जो है परमपिता ,
वो अपने भक्त को पिता भी बनाते हैं|
ऐसे हैं कृष्णा मेरे जो ,
भक्त के लिए क्या नही कर जाते हैं ||

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