- फूलो से हँसना सीखोँ , भौरोँ से गुनगुनाना ।
- सूरज किरणोँ से सीखो. जगना और जगाना ।।
- मुर्गे की बोली से सीखो, प्रातकाल उठ जाना ।
- मेँहदी के पत्तो से सीखो , घिस घिसकर रंग लाना ।।
- आग और धुएँ से सीखो , ऊँची मंजिल पाना ।
- मछली के जीवन से सीखो , धर्म हेतु मर जाना ।।
- फल वाले बृक्षोँ से सीखो , धन पाकर झुक जाना ।
- पतझड़ वृक्षो से सीखो , दुःख मेँ न घबड़ाना ।।
- पृथ्वी से सहना सीखो , वायु से सब समाना ।।
- मेघो से बरसना सीखो, व्यासदि से सीखो जो चाहो कल्याना ।।
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