Tuesday 4 April 2017

सीखोँ

  • फूलो से हँसना सीखोँ , भौरोँ से गुनगुनाना ।
  • सूरज किरणोँ से सीखो. जगना और जगाना ।।
  • मुर्गे की बोली से सीखो, प्रातकाल उठ जाना ।
  • मेँहदी के पत्तो से सीखो , घिस घिसकर रंग लाना ।।
  • आग और धुएँ से सीखो , ऊँची मंजिल पाना ।
  • मछली के जीवन से सीखो , धर्म हेतु मर जाना ।।
  • फल वाले बृक्षोँ से सीखो , धन पाकर झुक जाना ।
  • पतझड़ वृक्षो से सीखो , दुःख मेँ न घबड़ाना ।।
  • पृथ्वी से सहना सीखो , वायु से सब समाना ।।
  • मेघो से बरसना सीखो, व्यासदि से सीखो जो चाहो कल्याना ।।

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