Saturday, 10 October 2015

नीली नीली पाग पहने आयो

नीली नीली पाग पहने आयो
कारो लल्लो प्रातः उठी के।

मुस्कातो अलसातो दूध पीवै
भाग्य पद्मगन्धा गौ जू के।

रसमय मृदुल चितवन वारो
गोद चढ़ जाये जसोदा जू के।

नवल विमोहन लालो सखी
सोई जाय नित दूध पी के।

नजर उतारे जसुमति मईया
लेइ बाल गैया पूंछरी के।

जुग जुग जीवै मइया तेरो लालो
आसीस सखी नीरा गोपी के।

नीरा कहे प्रभु गरीब बिहारी
आज रूप धरे राधारमण के।

बलि बलि जाऊ श्री साँवरिया
भाव दरसन भव्य मंगला के।

No comments:

Post a Comment