तर्ज-जब रसना हरिगुण गाए, मन प्रभु चरनन रमजाए
तब इतना समझ लेना, अब हरि से मिलन होगा।
यह नक्की है प्यारे, तेरा जनम सफल होगा ।।।
फिर बरसाने भी जाए, जा चौखट शीश नबाए।
छवि देख हृदय हरषाए,राधे पर बलि बलि जाऐ।
होली छवि मन में लाए,मन मन ही रंग बरसाए।
मन में ही लाठी खाए,इस सुख को आँख बताए।।
गहबरवन जा चिल्लाए,तुम बिन जग रास न आए
तब इतना समझ लेना, अब * * * * * * *
यह नक्की है प्यारे, तेरा * * *
तब इतना समझ लेना, अब हरि से मिलन होगा।
यह नक्की है प्यारे, तेरा जनम सफल होगा ।।।
फिर बरसाने भी जाए, जा चौखट शीश नबाए।
छवि देख हृदय हरषाए,राधे पर बलि बलि जाऐ।
होली छवि मन में लाए,मन मन ही रंग बरसाए।
मन में ही लाठी खाए,इस सुख को आँख बताए।।
गहबरवन जा चिल्लाए,तुम बिन जग रास न आए
तब इतना समझ लेना, अब * * * * * * *
यह नक्की है प्यारे, तेरा * * *
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