Wednesday 18 November 2015

राम राम कहिये राम राम कहिये...

राम राम कहिये राम राम कहिये...
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये...

मुख में हो राम नाम~राम सेवा हाथ में...
तू अकेला नाहिं प्यारे~राम तेरे साथ में...
विधि का विधान~जान हानि लाभ सहिये...

किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा...
होगा प्यारे वही जो श्री रामजी को भायेगा...
फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये...

ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के...
महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी मे वास दे...
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिये...

आशा एक रामजी से~दूजी आशा छोड़ दे...
नाता एक रामजी से~दूजे नाते तोड़ दे...
साधु संग~राम रंग~अंग अंग रंगिये...
काम रस त्याग~प्यारे राम रस पगिये...
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये...

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