केवल भगवत चरण ही , लगा सकेंगे पार।
औरों से मत आस रख , मतलब का संसार।।
अब भी ज्यादा देर ना , हुई है " रोटीराम "।
वक्त के रहते चेत जा , जप ले भगवन्नाम।।
कांटे बो क्यों ? चाहता , कि तुझको खिलें सरोज।।
ऐसा हुआ , न हो सके , बिलकुल " रोटीराम "।
गुलशन महके , बस वहीं ,जो कर मरते सत्काम।।
औरों से मत आस रख , मतलब का संसार।।
अब भी ज्यादा देर ना , हुई है " रोटीराम "।
वक्त के रहते चेत जा , जप ले भगवन्नाम।।
रहते , ममता - मोह अरु , लोभ के " रोटीराम "।
जापा भी , गर " नाम " तो, कुछ नहीं आना काम।।
क्योंकि ये तीनों मैल हैं , सो रहता , हृदय अशुद्ध।
फिर कैसे? निकले भला , हरिनाम हो शुद्ध।।
कोस रहा , तकदीर को , क्यों ? पी , पानी रोज।जापा भी , गर " नाम " तो, कुछ नहीं आना काम।।
क्योंकि ये तीनों मैल हैं , सो रहता , हृदय अशुद्ध।
फिर कैसे? निकले भला , हरिनाम हो शुद्ध।।
कांटे बो क्यों ? चाहता , कि तुझको खिलें सरोज।।
ऐसा हुआ , न हो सके , बिलकुल " रोटीराम "।
गुलशन महके , बस वहीं ,जो कर मरते सत्काम।।
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