Tuesday 28 February 2017

जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...

जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...
भरोसा भी तुम पे हमारा साँवरे...

ये संसार है इक माया
इस माया से कौन बच पाया
इस माया से...वही जीत पाया...
जिसके सिर पर साँवरे का साया...
जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...
भरोसा भी तुम पे हमारा साँवरे...

मोह माया भी चाहे जकड़ना
बड़ा मुश्किल है बच के निकलना
फंस न जाये...कहीं इनमें...
बचा लो आ के हमें...
जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...
भरोसा भी तुम पे हमारा साँवरे...

अपने मतलब की दुनिया है सारी
रिस्ते कैसे निभायें मुरारी
बस तुमसे...है निभाना...
हमें तो रिस्ता साँवरे...
जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...
भरोसा भी तुम पे हमारा साँवरे...

रोज़ दर पे हैं आते
अपने भजनों से तुझको रिझाते
ऐसा आनन्द...परमानन्द हमें मिले...
यही पे रे साँवरे...
जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...
भरोसा भी तुम पे हमारा साँवरे...

जबसे लागी लगन तुमसे है प्यारे
हो गये दिवाने तुम्हारे
राज तुम ही...प्यारे बसते...
हमारे दिल में हो साँवरे...
जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...
भरोसा भी तुम पे हमारा साँवरे...

जहाँ में सहारा तुम्हारा साँवरे...
भरोसा भी तुम पे हमारा साँवरे...

(तर्ज : सुहाना सफर और ये मौसम हसि...)

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