Sunday 12 February 2017

मॉएे नी मॉंएे, ग्वाले झूठ बड़ा मार दे,

मॉएे नी मॉंएे, ग्वाले झूठ बड़ा मार दे,

छिक्के उत्ते चाढ़ के मैंनू, तैनूँ वाजां मार दे,
कच्ची नींदें उठ सवेरे, मधुबन नूं मैं जावां,
सारा दिन मैं गऊआं चरावां, शाम पवे घर आवां,
निक्की जई जिंदड़ी छक्के, कंडे चुबकां मार दे।
माएँ नी------

लुट-लुट मक्खन खान, ग्वाले चोर बनावट मैंनूं,
मुहँ मेरे ते मल के मक्खन, आन सिखाने तैनूँ,
करदे वैर विरोध ग्वाले, उँज मैंनूं पुचकार दे।
मॉंएे नी--------

तूं मॉं मेरी भोली-भाली, झूठमूठ सब मन्ने,
आँखे लग ग्वालां बालां दे, पासे मेरे भन्ने,
पुत्र पराया जान के मैनूं, सारे झिड़कां मार दे।
मॉंऐ नी मॉंऐ-----

ऐ लै अपनी कच्छ लँगोटी, मोर पंख ते सोटी,
मॉं माधव ने एेथे रह के, नहीं तुड़वानी बोटी,
लै मोहन नूं गोद यशोदां रोई, भुब्बॉं मार के,
मॉंऐ नी मॉंऐ ग्वाले झूठबड़ा मार दे।

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