Friday 26 May 2017

हरि तोरे दर्शन केहि बिधि पाऊँ



हरि तोरे दर्शन केहि बिधि पाऊँ ||
घर गृहस्थिन में मैं उलझ रह्यो हूँ,
भजन नहीं कर पाऊँ ||
ज्यों बैठूँ तोहि सुमिरन को,
इत उत भटक के जाऊँ ||
थिर न रहे यह पापी मनवा,
केहि बिधि एहि समझाऊँ ||
फिर भी चाहत तोरे दरस की,
हिय में मैं अकुलाऊँ ||
मुझ पे दीनदयाल कृपा करो,
रो रो मैं पूछूँ उपाय ||
हरि तोरे दर्शन केहि बिधि पाऊँ ||

ʝaï ֆɦʀɛɛ kʀɨֆɦռa
!! Զเधे Զเधे !!

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