Friday 12 May 2017

करुणानिधान

करुणानिधान स्वामिनी किशोरी करुणा अब बरसाओ
नाम तिहारा रटूं किशोरी मोहे सेवा योग्य बनाओ |
हूँ निर्धन दो नाम धन अपना श्यामा तुम करुणा की खान
शरण पड़ा हो तेरी राधिके अपनाया है अपना जान...
इस दासी की विनती सुनलो श्यामा मोहे दासी अपनाओ ||1|

तेरे महलों की बनूँ बुहारिन श्यामा नित नित कुञ्ज सजाऊँ
नहीं जानूँ मैं कोई विधि भी किशोरी तुमको कैसे रिझाऊँ
कृपाकोर अब कृपा करो तुम जैसी भी हूँ मुझे अपनाओ ||2||
ब्रजमण्डल की तुम हो स्वामिनी सारे जगत की तुम्हीं आधारा
क्या गुण गाऊँ तेरी रहमत के श्यामा मैंने अपना जीवन वारा
जैसे चाहो तुम रखना मुझको अपनाओ या मुझे ठुकराओ ||3||


जै श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णायसमर्पणं

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