II श्री हरिः शरणम् II
प्यारे गर तू प्रभु का प्यारा हो गया,
जान ले जहान तेरा सारा हो गया
दीन और अनाथों का दुःख है सहारता,
जिसे दीनानाथ का सहारा हो गया
नाचता है फिर प्रभु यहां झट आन कर,
जहां जहां भक्त का इशारा हो गया
जिंदगी को काटना भी कठिन था तेरे बिना,
पर दीद कीउम्मद में गुजारा हो गया,
खाक सारी में ही बशर मिल गया जो खाक में,
वही आसमान का सहारा हो गया।
जय जय श्रीराधे
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