Tuesday 9 August 2016

सावन की आई है बहार

सावन की आई है बहार…चलो रे वृन्दावन में |
देखेंगे झांकी हज़ार…चलो रे वृन्दावन में ||

हर गलियों में श्याम मिलेंगे…
सखियों के संग ग्वाल मिलेंगे…
छोड़ दे सोच विचार…चलो रे वृन्दावन में…
सावन की आई है बहार…चलो रे वृन्दावन में…

माखन मिश्री खाओगे प्यारे…
रबड़ी मलाई चखाओगे प्यारे…
दही मिलेगा मजेदार…चलो रे वृन्दावन में…
सावन की आई है बहार…चलो रे वृन्दावन में…

रास रचाये कान्हा झूला झूले…
जमुना किनारे कान्हा गेंद को खेले…
देखेंगे लीला अपार…चलो रे वृन्दावन में…
सावन की आई है बहार…चलो रे वृन्दावन में…

टिकट कटालो मनसा बनालो…
चलना है " भक्त " मन से मनालो…
पायेंगे "" साँवरे "" का प्यार…चलो रे वृन्दावन में…
सावन की आई है बहार…चलो रे वृन्दावन में…

सावन की आई है बहार…चलो रे वृन्दावन में |
देखेंगे झांकी हज़ार…चलो रे वृन्दावन में ||

...✍ ʝaï ֆɦʀɛɛ kʀɨֆɦռa...✍

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