तुझ ही में जी मेरा , तुझ ही में मन ,
तेरी ही शरण , गहूँ तेरे ही चरण ,
तेरे ही प्यार में, तरसे नयन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
जो कुछ दिया तूने , तुझको अर्पण ,
तेरी ही स्वांस हैं ,तेरी ही धड़कन ,
तेरी ही प्यासा है, मेरा मन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
तेरी ही चाह है , तेरी ही तड़पन ,
तुझको निहारूं सदा ,मन के दर्पण,
तेरा प्यार है , दिल की धड़कन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
मैं भुला , न तुम भूले मुझे ,
निज हाथों से दिए झूले मुझे,
तेरा प्यार लगा ,मीठी सी चुभन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
अंतिम स्वांसों में प्रभु आना तुम ,
उस घडी , प्रभु ना भुलाना तुम ,
मुझको दीखें बस,तेरे ही चरण ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
तेरी ही शरण , गहूँ तेरे ही चरण ,
तेरे ही प्यार में, तरसे नयन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
जो कुछ दिया तूने , तुझको अर्पण ,
तेरी ही स्वांस हैं ,तेरी ही धड़कन ,
तेरी ही प्यासा है, मेरा मन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
तेरी ही चाह है , तेरी ही तड़पन ,
तुझको निहारूं सदा ,मन के दर्पण,
तेरा प्यार है , दिल की धड़कन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
मैं भुला , न तुम भूले मुझे ,
निज हाथों से दिए झूले मुझे,
तेरा प्यार लगा ,मीठी सी चुभन ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
अंतिम स्वांसों में प्रभु आना तुम ,
उस घडी , प्रभु ना भुलाना तुम ,
मुझको दीखें बस,तेरे ही चरण ,
राधा के रमण !, श्यामा के रमण !!
*
No comments:
Post a Comment