Monday 5 December 2016

भगवन्नामकी जय जय



जय आनन्द, अमृत, अज, अव्यय, आदि, अनादि, अतुल, अभिराम ।
जय अशोक, अघहर, अखिलेश्वर, योगी-मुनि-मानस-विश्राम ।।
जय कलिमल-मर्दन, करुणामय, कोसलपति, गुण-रूप-निधान ।
जय माधव, मधुसूदन, मोहन, मुरलीधर, मृदु-हृदय, महान ।।
जय गोविन्द, गोपिकावल्लभ, गोपति, गो-सेवक, गोपाल ।
जय गरुड़ध्वज, विष्णु, चतुर्भुज, श्री-लक्ष्मीपति, वक्ष-विशाल ।।
जय भय-भयदायक, भवसागर-तारक, भक्त-भक्त श्रीमान ।
जय मुकुन्द, मन्मथ-मन्मथ, मुर-रिपु, मंजुल-वपु, मंगलखान ।।
जय पुरुषोत्तम, प्रकृतिरमण, प्रभु, पावन-पावन, परमानन्द ।
जय फणि-फण-फण-नृत्यकरण, फणिभूषण, फणि-शय्या, सुखकन्द ।।
जय रघुनाथ, रमापति, रघुवर, रावणारि, राघव, श्रीराम ।
जय कंसारि, कमल-दल-लोचन, केशिनिषूदन, कृष्ण, ललाम ।।
जय राधा, राधामाधव, रस, रसनिधि, रसास्वाद-संलग्न ।
जय नटवर, नागर, नँदनंदन, नव-नव-नृत्यानन्द-निमग्न ।।
जय शंकर, शिव, आशुतोष, हर, महादेव, सब मंगल-भूप ।
जय संहारक, रुद्र, भयानक, मुण्डमालधारी, तम-रूप ।।
जय मृड, गंगाधर, गौरीपति, गणपति-पिता, शर्व, रिपु-काम ।
जय भुजंग-भूषण, शासी शेखर, नीलकण्ठ, भव, शोभाधाम ।।
जय काली, लक्ष्मी, सरस्वती, राधा, सीता, श्री, ईशानि ।
जय दुर्गा, तारा, परमेश्वरि, विद्या, प्रज्ञा, परमेशानि ।।
जय आदित्य, भुवनभास्कर, घृणि, तमहर, पातकहर, द्युतिमान ।
जय विघ्नेश, विघ्ननाशक, गण-ईश, सिद्धिदायक, भगवान ।।
जय प्रकाशमय, अग्नि, इन्द्र, नर, नारायण, पर, आत्माराम ।
जय सर्वेश, सर्वगुणनिधि, विधि, सर्वातीत, सर्वमय, श्याम ।।
लीला-गुण-रस-तत्त्व-प्रकाशक, प्रभुके मंगल-नाम अनेक ।
जयति जयति जय नाम नित्य नव मधुर नित्य निर्गुण-गुणवन्त ।।

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