श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी तुम्हारे हम हैं दीवाने सारे...
तुम्हें भूल के जहाँ में जायें तो कहाँ जायें...
कहीं तुम भुला न देना तुम्हें याद हम दिलायें...
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी ये नैया भव पार कैसे होगी...
बिन माझी बिन खेव्य्या मझधार में फंसेगी...
डूबेगी डूबने से इसे तू ही अब बचाये...
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी हमारे दिखते "" अनोखे "" न्यारे...
नहीं दूर हैं ये हमसे ये पास हैं हमारे...
जब भी पुकारे दिल से ये दौड़े चले आये
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी तुम्हारे हम हैं दीवाने सारे...
तुम्हें भूल के जहाँ में जायें तो कहाँ जायें...
कहीं तुम भुला न देना तुम्हें याद हम दिलायें...
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी ये नैया भव पार कैसे होगी...
बिन माझी बिन खेव्य्या मझधार में फंसेगी...
डूबेगी डूबने से इसे तू ही अब बचाये...
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी हमारे दिखते "" अनोखे "" न्यारे...
नहीं दूर हैं ये हमसे ये पास हैं हमारे...
जब भी पुकारे दिल से ये दौड़े चले आये
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
श्री नाथ जी के चरणों में...शीश हम नावायें...
करके समर्पण खुद को...मंगलमय गीत गाये...
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