Friday 4 March 2016

अब दिल ढूंढ रहा है ठिकाना

अब दिल ढूंढ रहा है ठिकाना तेरे चरणो में राधेरानी.......
थाम लो दामन हमारा,डोलती है मेरी  कश्ती पुरानी........
हम बालक है तुम्हारे, भटक जाते है जग की माया में......
तुम हो पालनहारी हमारी बचा लो माया के दलदल से......
अब दिल ढूंढ रहा है ठिकाना तेरे चरणो में राधेरानी.......
थाम लो दामन हमारा,डोलती है मेरी  कश्ती पुरानी........
तुम करुणामयी हो ,तुम कृपामयी हो वृषभानु की दुलारी........
तुम हरिप्रिया हो, तुम हो जग से न्यारी.स्वामिनी हो हमारी......
अब दिल ढूंढ रहा है ठिकाना तेरे चरणो में राधेरानी.......
थाम लो दामन हमारा,डोलती है मेरी  कश्ती पुरानी........
वैसे तो हम लायक नही है चरणधुरी के भी तुम्हारी........
लकिन पुत्र जैसे भी हो माँ लेती है शरण में प्यारी..........
अब दिल ढूंढ रहा है ठिकाना तेरे चरणो में राधेरानी.......
थाम लो दामन हमारा,डोलती है मेरी  कश्ती पुरानी.....

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