Thursday 3 March 2016

सपनों में तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू.

सपनों में तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू...
सांसो में तू धड़कन में तू रग रग में तू है समाया...

फेरता नजरें जिधर तू ही तू आये नज़र,,,
छोड़ तुझको "" सांवरे "" बोल जाउँ मैं तो किधर,,,
फूलों में तू कलियों में तू चारों तरफ तेरी माया...
सपनों में तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू...

चाहे धरती हो आसमां सबमें तेरा वास है,,,
सबका हारे का सहारा है तू मेरा ये विश्वास है,,,
तू ही मेरा मैं हूँ तेरा सबमें ही तेरी ही छाया...
सपनों में तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू...

"" श्याम "" कहे जब गाऊँ मैं बांसुरी बजाता है तू,,,
प्यारी धुन पे तेरी सबको नचाता है तू,,,
देखा मैंने सारा जहाँ इस दिल को बस तू ही भाया...
सपनों में तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू...

सपनों में तू अपनों में तू देखु जिधर तू ही तू...
सांसो में तू धड़कन में तू रग रग में तू है समाया...

" ʝaï ֆɦʀɛɛ kʀɨֆɦռa " 

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