Wednesday 21 June 2017

तुमको लाखों प्रणाम

||श्रीहरिः||

हरि का नाम जपानेवाले, हरि का नाम जपानेवाले,
गीता पाठ पढ़ानेवाले, गीता रहस्य बतानेवाले,
जग की चाह छुड़ानेवाले, प्रभु से संबंध जुड़ानेवाले,
प्रभुकी याद दिलानेवाले, तुमको लाखों परनाम ॥टेक॥
जग में महापुरुष नहिं होते, सिसक सिसक कर सब ही रोते,
आँसू पोंछनेवाले, सबका आँसू पोंछनेवाले,
सबकी पीड़ा हरनेवाले, सबकी जलन मिटानेवाले,
सबको गले लगानेवाले, तुमको लाखों परनाम ॥१॥
जनम मरन के दुख से मारे, भटक रहे हैं लोग बिचारे,
पथ दरशानेवाले, प्रभु का पथ दरशानेवाले,
प्रभु का मार्ग दिखानेवाले, सत का संग करानेवाले,
हरि के सनमुख करनेवाले, तुमको लाखों परनाम ॥२॥
उच्च नीच जो भी नर नारी, संशय हरनेवाले, सबका संशय हरनेवाले,
सबका भरम मिटानेवाले, सबकी चिन्ता हरनेवाले,
सबको आसिस देनेवाले, तुमको लाखों परनाम ॥३॥
हम तो मूरख नहीं समझते, संतन का आदर नहिं करते,
नित समझानेवाले, हमको नित समझानेवाले,
हमसे नहिं उकतानेवाले, हमपर क्रोध न करनेवाले,
हमपर किरपा करनेवाले, तुमको लाखों परनाम ॥४॥
अब तो भवसागर से तारों, शरण पड़े हम बेगि उबारो,
पार लगानेवाले, हमको पार लगानेवाले,
हमको पवित्र करनेवाले, हमपर करुणा करनेवाले,
हमको अपना कहनेवाले, तुमको लाखों परनाम ॥५॥

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