Tuesday 20 September 2016

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
मीरा पुकारी जब गिरिधर गोपाला,
ढल गया अमृत में विष का भरा प्याला।
कौन मिटाए उसे, जिसे तू राखे पिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया॥
जब तेरी गोकुल पे आया दुख भारी,
एक इशारे से सब विपदा टारी।
मुड़ गया गोवर्धन तुने जहाँ मोड़ दिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया॥
नैनो में श्याम बसे, मन में बनवारी,
सुध बिसराएगी मुरली की धुन प्यारी।
मन के मधुबन में रास रचाए रसिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया॥
जय श्री राधे कृष्णा|| "दे दो सेवा श्री चरणों की
बस अर्जी यही हमारी है... 

क्या करना, क्या ना करना है
ठाकुर आगे मर्जी तुम्हारी है..."
🏻Person with folded hands🏻जय श्री जी

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