Monday 4 January 2016

मेरे कान्हा ने सदा साथ निभाया

मेरे कान्हा ने सदा साथ निभाया , यही काफी है मेरे लिए
आस्था मेरी को गोपाल ने बचाया, यही काफी है मेरे लिए

कन्हैया मुट्ठी भर आसमान 'वो भी , फिसलता जा रहा था
बाँके तू उम्मीदें कुछ बचा लाया , यही काफी है मेरे लिए

क़दमों के नीचे से ज़मीन , देखो खिसकती जा रही थी मेरी
बुनियाद मेरी बनवारी बचा लाया , यही काफी है मेरे लिए

प्रभु अपनों ने जब - जब देखा था , हिकारत की नजर से मुझे
कृष्णा नाम का चिराग रोशनी लाया , यही काफी है मेरे लिए

भक्ति और धर्म करना , अब गुनाह सा हो गया है 'कमल'
'गिरधारी' मैं तेरा दास बन पाया , यही काफी है मेरे लिए

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