Friday 22 January 2016

विनय हमारी है

विनय हमारी है देवा सुनलो
श्रद्धा से चरणों में हम झुके है |
कर में सुमन है मन में लगन है
करता नमन है तेरी शरण है
आशीष दे सिर पे हाथ रख दो |
उषा की बेला मैँ हूं अकेला
जब हो सवेरा लग जाये मेला
पूजा की थाली स्वीकार कर लो |
मथुरा निवासी हे अविनाशी
ज्योति प्रकाशि हे ज्ञान राशि
दया की प्रतिमा तेजोमयी है |
हे मेरे स्वामी हे मेरे देवा
तुम्हारे चरणों में है मेरी सेवा
हृदय पुकारे करो ना न्यारा |

सर्वे हरु भक्तो को...


|| जय श्री कृष्णा ||
|| राधे राधे ||

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