Tuesday 28 March 2017

जय माता दी

सजा तेरा दरबार जहाँ...धूम मची भक्तो की वहाँ

रंग रंगीला मन मेरा...झूम उठा तुम्हें देख वहाँ
हो गये हम तेरे.....हो गये हम तेरे.....

ढूंढता मैं फिर रहा था तुझ्को मारा-मारा
जहाँ तुम्हारी चर्चा होती मैं वहीँ रुक जाता
सुनके तेरी श्री लीला मन मेरा भी खिल जाता
हो गये हम तेरे.....हो गये हम तेरे.....

आया था दरबार में तेरे हाजरी लगाने
क्या पता था मिळ जाओगीे मुझको मेरी मैया
ये भरम हो या सपना टूटे ना मेरी मैया
हो गये हम तेरे.....हो गये हम तेरे.....

में खड़ा अपलक निहारूँ तुझको ही "" मैया ""
हो न जाओ तुम कहीं इन नैनो से ओझल रे
अब न छूटे साथ तेरा आन मिलो मेरी माता.....
हो गये हम तेरे.....हो गये हम तेरे.....

सजा तेरा दरबार जहाँ...धूम मची भक्तो की वहाँ

रंग रंगीला मन मेरा...झूम उठा तुम्हें देख वहाँ
हो गये हम तेरे.....हो गये हम तेरे.....

|| जय माता दी ||

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