Sunday 1 January 2017

अब सौंप दिया इस जीवन का हर भार तुम्हारे हाथों में....🌀


अब सौंप दिया इस जीवन का हर भार तुम्हारे हाथों में...
है जीत तुम्हारे हाथो में, और हार तुम्हारे हाथों में।
अब सौंप दिया इस जीवन का ....
मेरा निश्चय है बस एक यही, एक बार तुम्हें पाजाऊँ मै....
अरपन कर दूं दुनियाँ भर का, हर मार तुम्हारे हाथों मे।।
है जीत तुम्हारे हाथों मे ओर हार तुम्हारे हाथों में...
अब सौंप दिया इस जीवन का.....
दुनियां मे रहूँ तो ऐसे रहूँ , जैसे जल में कमल का फूल खिले....
मेरे गुण और दोष समर्पित हो, करतार तुम्हारे हाथों में....
है जीत तुम्हारै हाथों में और हारौ तुम्हारे हाथों में....
अब सौप दिया इस जीवन का.....
यदि मानव का मुझे जन्म मिले, तेरे चरनों का पुजारी बनूँ......
इस पूजक के एक एक रग का, हो तार तुम्हारे हाथों मैं.....
है जीत तुम्हारे हाथो में और हार तुम्हारे हाथों में .......
अब सौंप दिया इस जीवन का.......
जब जब संसार का कैदी बनूँ, निष्काम भाव से कर्म करूँ......
फिर अंत समय में प्राण तजूँ , सरकार तुम्हारे हाथो में......
सरकार तुम्हारे हाथों में निरंकार तुम्हारे हाथों में......
अब सौंप दिया इस जीवन का.......
मुझमें तुझमें बस भेद यही, मै नर हूँ तुम नारायण हो.....
मै हूँ संसार के हाथों मे, और संसार तुम्हारे हाथों में.....
अब सौप दिया इस जीवन का
हर भार तुम्हारे हाथों मे।।
हर जीत तुम्हारे हाथोम में, और हार तुम्हारे हाथों में.....
अब सौंप दिया इस जीवन का हर भार तुम्हारे हाथों में.....

No comments:

Post a Comment