Saturday 16 April 2016

सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई...

सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम, एक सांचा दूजा
ना कोई॥
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई...

जीवन आणि जानी छाया,
जीवन आणि जानी छाया,
जूठी माया, झूठी काया,
फिर काहे को सारी उमरिया,
फिर काहे को सारी उमरिया,
पाप को गठरी ढोई॥
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम, एक सांचा दूजा ना कोई॥

ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा,
ना कुछ तेरा, ना कुछ मेरा,
यह जग योगी वाला फेरा,
राजा हो या रंक सभी का,
राजा हो या रंक सभी का,
अंत एक सा होई॥
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम, एक सांचा दूजा ना कोई॥

बाहर की तो माटी फांके,
बाहर की तो माटी फांके,
मन के भीतर क्यूँ ना झांके
उजले तन पर मान किया,
उजले तन पर मान किया,
और मन की मैल ना धोई॥
सुख के सब साथी,दुःख में ना कोई
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम, एक सांचा दूजा ना कोई॥

सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई ॥
मेरे राम, मेरे राम, तेरा नाम, एक सांचा दूजा ना कोई॥
सुख के सब साथी, दुःख में ना कोई...

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