Saturday 2 April 2016

फूल तुम्हे भेजा है खत में फूल नहीं मेरा दिल है

साँवरे के दर पे प्यारे दौड़ा~दौड़ा जो आये 
साँवरा भी उसके घर पे मुस्कुराता नजर आये... 

तन~मन तू भी सौंप दे इसको ये तो सबका अपना,,, 
अपना बनके जो भी आता ये भी बन जाता उसका,,, 
भूल जा चाहे कुछ भी प्यारे भूल न तू इसको जाना,,, 
ये है सबका रखवाला तू याद सदा प्यारे रखना,,, 
साँवरे के दर पे प्यारे दौड़ा~दौड़ा जो आये 
साँवरा भी उसके घर पे मुस्कुराता नजर आये... 

जब नानी बाई ने पुकारा दौड़ा आया सांवरियाँ,,, 
और निभाया भाई बनके धर्म का वो प्यारा रिश्ता,,, 
आज भी आता मायरे की रस्म निभाने सांवरियाँ,,, 
अपने भक्तों की लाज बचाता जग में सांवरियाँ,,, 
साँवरे के दर पे प्यारे दौड़ा~दौड़ा जो आये 
साँवरा भी उसके घर पे मुस्कुराता नजर आये... 

हे गिरधर गोपाल सांवरियाँ तू ही है सबका दाता,,, 
अपने भक्तों का मेरे प्यारे तू ही है पालनहारा,,, 
रखता जो विश्वास ये दिल में बिन मांगे सब पा जाता,,, 
जग में एक ही है ये "" अनोखा "" सेठ सांवरियाँ हमारा,,, 
राजा कटरा वाला सांवरियाँ सेठ हमारा,,, 
साँवरे के दर पे प्यारे दौड़ा~दौड़ा जो आये 
साँवरा भी उसके घर पे मुस्कुराता नजर आये... 

साँवरे के दर पे प्यारे दौड़ा~दौड़ा जो आये 
साँवरा भी उसके घर पे मुस्कुराता नजर आये... 

No comments:

Post a Comment