Tuesday 19 September 2017

स्वरचित


आप जानते हो मेरे राघव कि मेरा क्या हाल है...
आपकी एक प्रेम भरी नजर और मेरी पूरी ज़िन्दगी का सवाल है.... 
हो एक नजर करुणा भरी कर दो,
राघव मेरे सिया प्यारे... 
तुम मेरो हाल सवाँर दो.... 
ओ मेरे अवध सुकुमारे....

तुम जानत मैं अधम कुलीना... 
फिर भी तुमने जीवन दीन्हा....
अब तुम ही सही दिशा दो...
ओ राघव मेरे सिया प्यारे.... 

भव सागर में फँसा हुआ हूँ.... 
हर पल हर क्षण तडप रहा हूँ..... 
अपने कर कमलन से पकड लो... ओ मेरे अवध सुकुमारे.... 

हो एक नजर करुणा भरी कर दो,
राघव मेरे सिया प्यारे... 
तुम मेरो हाल सवाँर दो.... 
ओ मेरे अवध सुकुमारे....

ना हम कीन्हो भजन और ध्याना.. ना हम दीन्हो भिक्षुक दाना.... 
एक बार आकर हमें सिखाई दो... ओ राघव मेरे सिया प्यारे... 

कैसे करें हम संतन सेवा.... 
कैसे करें गुरुदेव की सेवा... 
बस आकर करके दिखाई दो... 
ओ मेरे अवध सुकुमारे.... 

हो एक नजर करुणा भरी कर दो,
राघव मेरे सिया प्यारे... 
तुम मेरो हाल सवाँर दो.... 
ओ मेरे अवध सुकुमारे....

प्रभु जी आओ देर न लगाओ... 
आके हमको सब कुछ सिखाओ..
मोहे अपने दासों का दास बनाई दो.. 
ओ राघव मेरे सिया प्यारे... 

सिया जू इनको जल्दी पठाओ....
हर पल हर क्षण व्यर्थ ना गँवाओ..
मोहे शीघ्र दासानुदास बनाई दो...
ओ सिया राघव प्राण प्यारे... 

सिया जू मोरी इतनी अर्ज लगाइ दो.. 
करुणा निधान की स्वीकृति दिलाई दो... 
मैं धरूँ शीश पायन तुम्हारे.. 

हो एक नजर करुणा भरी कर दो,
राघव मेरे सिया प्यारे... 
तुम मेरो हाल सवाँर दो.... 
ओ मेरे अवध सुकुमारे....

जय जय श्री सीताराम

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